मैं भी एक हमसफ़र बनाता उसको तराश कर,
बस मुझको मेरे मिजाज़ का पत्थर ना मिला।
नज़रों का शर्माना भी एक अदब है तेरा
बिना बोले ही सब कह जाना गजब है तेरा
परिंदे भी शुक्रगुजार हैं पतझड़ के ऐ दोस्त
तिनके कहां से लाते, हमेशा बहार जो रहती।
Beautiful sunset with a single tree in backgroung.
Cars are boys, toys and will always be.
Snow is falling