कितना अजीब है.... दुनिया का दस्तूर ....
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लोग इतनी जल्दी बात नहीं मानते ,,
जितनी जल्दी बुरा मान जाते है ....!
सियासत इस कदर अवाम पे अहसान करती है । पहले आँखे छीन लेती है फिर चश्में दान करती है ।।
रुकावटे तो ज़िन्दा इन्सान के लिए हैं.....
मैय्यत के लिए तो सब रास्ता छोड़ देते हैं....
जो वक्त पर पसीना नहीं बहाते,
वे बाद में आँसू बहाते है
दुःख आता है तो अटक जाते हैं, सुख आता है तो भटक जाते हैं।
दुश्मन बनाने के लिये जरुरी नहीं की लड़ा जाए ! आप थोड़े से कामयाब हो जाओ वे ख़ैरात में मिलेंगे !!
खुद गलत होकर खुद को सही साबित करना उतना मुश्किल नही होता, जितना कि सही होकर खुद को सही साबित करना|