कुछ पन्ने इतिहास के मेरे मुल्क के सीने में समशीर हो गए ,
जो लड़े ,जो मरे ,वो शहीद हो गए,
जो डरे, जो झुके ,वो वज़ीर हो गए
पैदा तो आज भी होते है भगत सिंह और आजाद लेकिन फिर आशिकी देश के बदले कही और कर लेते है ..
कुछ तो बात है मेरे देश कि मिट्टी मे दोस्तों....
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सरहद कूद के आते है, लोग यहाँ दफन होने के लिए...