इश्क का बँटवारा रज़ामंदी से हुआ...!!!
चमक उन्होने बटोरी... तड़प हम ले आए...!!!
मैं झुक गयी तो वो सज़दा समझ बैठे, मैं तो इन्सानियत निभा रही था, वो खुद को ख़ुदा समझ बैठे..!!
मिटा दे उसकी तस्वीर मेरी आँखो से ऐ खुदा
अब तो वो मुझे ख़्वाबों में भी अच्छी नही लगती....
वो दिन जब मेरे साथ अँधेरे थे,
मुझे बतला गए के कौन मेरे थे।
Use kehna teri bewafai ne mera ye haal kar diya hai,
Ab Main nahi rota log mujhe dekh kar rote Hai....
Hum na pa sake tujhe mudton chahne ke baad,
or kisi apna bana liya tujhe chand rasme nibhane ke baad
मैने छोड़ दिया है किस्मत पर यकीन करना, जब लोग बदल सकते हैं तो किस्मत क्या चीज
मेरे जखमों पर मरहम ना लगाओ, हमें
मजा आता है.
हर चीख के साथ तेरा चेहरा जो नजर आता है
Bada Ajeeb Sa Zehar Tha Uski Yaadon Mein,
Saari Umar Guzar Gai Mujhe Marte Marte...