मुझे कबुल है तेरा रूठ कर जाना भी.. ..
मोहब्बत मे थोड़ी तन्हाई तो जरूरी है
हँसी यूँ ही नहीं आई है
इस ख़ामोश चेहरे पर..
कई ज़ख्मों को सीने में
दबाकर रख दिया हमने !
उस दिल की बस्ती में आज
अजीब सा सन्नाटा है,
जिस में कभी तेरी हर बात पर
महफिल सजा करती थी।
आती हैं तन्हाईयाँ जब हर तरफ से घेरने को तेरी यादों की चादर हम ओढ़ लिया करते हैं
एक मनहूस बददुआ की तरह लगता है ये अलार्म भी, काश कोई जुल्फ से पानी झटक कर हमे भी जगाता
Jhoot Kahoon To Sab Kuch Hai Mere Pas,
Or Sach Kahon To Ek Tere Siwa Kuch Bhi Nahi....
वह मेरा वेहम था की वो मेरा हमसफ़र है।
वह चलता तो मेरे साथ था पर किसी और
की तलाश में
Tanhayi is qadar raas aa gayi hai mujhe
Ki apna saaya bhi sath ho to bheed sa lagta hai
Badi Mushkil Se Bana Hu Tutt Jane Ke Baad,
Mai Aksar Ro Deta Hu, Muskurane Ke Baad...!!
मेरे दिल के दर्द को किसने देखा है;
मुझे बस खुदा ने तड़पते देखा है;
हम तन्हाई में बैठे रोते हैं;
लोगों ने हमें महफ़िल में हँसते देखा है.