लोग सुबूत मांगते है हमसे हमारी बर्बादी का,
कैसे बताए की ये हादसों के हम अकेले ही गवाह है !
जब हम डूबे तो समंदर को भी हैरत हुई,
की अजीब शख्स है जो किसीको पुकारता ही नहीं !!
"कर लेता हूँ बर्दाश्त हर दर्द इसी आस के साथ,
कि खुदा नूर भी बरसाता है ...
आज़माइशों के बाद".!!!
Suno....Kuch Bhi To Nahi Badla Is Is Saal Bhi,
Vahi Yaadein__Vahi Raatein__Vahi Ansoo__OR Vahi Tum..!!
एक जनाजा और एक बारात टकरा गए;
उनको देखने वाले भी चकरा गए;
ऊपर से आवाज आई-ये कैसी विदाई है;
महबूब की डोली देखने साजन कि अर्थी भी आई है।
पानी पर तैरते हुये मुर्दे को देखकर पता चला बोझ तो सिर्फ साँसों का था।
वक्त बहा के ले जाता है नामो निशॉ मगर... कोई हम में रह जाता है और किसी में हम...
इन्सान हारता तो ख़ुद से है, पर जश्न पूरी महफ़िल मनाती है
एक धोखा खुद को दे देता हूँ
बगैर तेरे मुस्कुरा जो लेता हूँ...