यूँ गरीब कहकर खुद की तौहीन
ना कर ए बदें...
गरीब तो वो लोग है जिनके पास
"ईमान" नही
हर गुनाह कबूल है हमे,
बस सजा देने वाला 'बेगुनाह' हो
पत्नी के दिल में भी झाककर देखों
खोई हुई गर्ल फ्रेंड मिल जाएगी
.
कभी बेटे से दोस्ती करके देखों
जवानी फिर से दस्तक दे जाएगी
.
सबसे पहला दोस्त याद करके देखों
माँ की याद आ जाएगी
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बुढे बाप से दो बाते कर के देखो
एक सुलझी दोस्ती घर में ही मिल जाएगी
.
क्युं दोस्तों में रिश्तें ढूंढते हो
रिश्तों में दोस्त ढूंढो, जिंदगी बन जाएगी...
ठंडी रोटी अक्सर उनके ही नसीब में होती है.. जो अपनों के लिए कमाई करके देर से घर लौटते है!
किसी की गलतियों को बेनक़ाब ना कर, 'ईश्वर' बैठा है, तू हिसाब ना कर
पिता की मौजूदगी सूरज की तरह होती है,
सूरज गरम जरूर होता है पर अगर ना हो तो अंधेरा छा जाता है
मुद्दत हो गयी,कोई शख्स तो अब ऐसा मिले...
बाहर से जो दिखता हो,अन्दर भी वैसा मिले...!!
ईश्वर चित्र में नहीं चरित्र में बसता है अपनी आत्मा को मंदिर बनाओ.
खुशियाँ बटोरते बटोरते उम्र गुजर जाती है......
बाद मे पता चलता है खुश तो वो लोग थे जो खुशियाँ बाटते थे