जीना हराम कर रखा है मेरी इन आँखों ने,
खुली हो तो तलाश तेरी ....बंद हो तो ख्वाब तेरे
ऐ मोहब्बत, तूझे पाने की कोई राह नही,
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तू तो उसे ही मिलेगी जिसे तेरी परवाह नही।...
हर मर्ज़ का इलाज़ मिलता था उस बाज़ार में, मोहब्बत का नाम लिया दवाख़ाने बन्द हो गये
है इश्क़ तो फिर असर भी होगा जितना है इधर उधर भी होगा!!
मत किया कर ऐ दिल किसी से मोहब्बत इतनी, जो लोग बात नहीं करते वो प्यार क्या करेंगे...
तुझे देखु तो सारा जहाँ रंगीन नज़र आता है तेरे बिना दिल को चेन किसको आता है तुम ही हो मेरे दिल की धड़कन तेरा बिना यह संसार आवारा नज़र आता है!
उनकी तस्वीर सिने से लगा लेते है। इस तरह जुदाई का गम उठा लेते है।
अदालत इश्क की होगी, मुकादमा मोहब्बत पे चलेगा, ग्वाही मेरा दिल देगा, और मुज्रिम तेरा प्यार होगा..
ना उसने मुड़ कर देखा,ना हमने पलट कर आवाज दी .. !! एक अजीब सा वक्त था जिसने हम दोनो को पत्थर बना दिया!!