दिल से बड़ी कोई क़ब्र नहीं है,
रोज़ कोई ना कोई
एहसास दफ़न होता है...॥
तकलीफ़ ये नहीं,के तुम्हें अज़ीज़ कोई और है,
दर्द तब हुआ,जब हम नज़रअन्दाज़ किए गए ।।
socha tha bataenge sab dukh dard unhe
lekin...
usne ye bhi na puchha ki udaaas kyu ho.
किसी तरह जिक्र हो जाये उनका। तो हँसकर भीगी पलके झुका लेते है।
किसी तरह जिक्र हो जाये उनका। तो हँसकर भीगी पलके झुका लेते है।
दर्द की फितरत ही
कुछ ऐसी है साहेब
जताओ तो कम लगता है..
और छुपाओ तो ज्यादा ....
मुझे किसी ने पूछा
दर्द की कीमत क्या है..
मैने कहा मुझे नहीं पता
लोग तो मुझे मुफ्त में दे जाते है..
आता है यहाँ सबको बुलंदी से गिराना,
वो लोग कहाँ हैं जो गिरतों को उठाएं ?